शेयर बाजार में गिरावट, सोने-चांदी में तेजी: क्या है वजह ?

 

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट और सोने-चांदी की कीमतों में वृद्धि – विस्तृत विश्लेषण



1. भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण

(i) कॉर्पोरेट लाभ में कमी
  • निफ्टी 50 की शीर्ष कंपनियों का अक्टूबर-दिसंबर तिमाही का मुनाफा केवल 5% बढ़ा, जो कि लगातार तीसरी तिमाही में एकल अंकों में रहा।
  • धीमी लाभ वृद्धि का कारण उच्च लागत, कमजोर मांग, और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता है।
  • मुख्य रूप से बैंकिंग, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर नकारात्मक असर दिखा।
(ii) विदेशी निवेशकों की बिकवाली
  • अक्टूबर 2024 से अब तक विदेशी निवेशकों (FII) ने भारतीय शेयर बाजार से $25 बिलियन (लगभग ₹2 लाख करोड़) निकाले।
  • कारण:
    • अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका
    • अमेरिकी डॉलर मजबूत होने से विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना पैसा निकाल रहे हैं
    • चीन की आर्थिक सुस्ती से निवेशक अधिक सतर्क हो गए हैं।
(iii) उच्च मूल्यांकन (Overvaluation)
  • निफ्टी 50 का 12-महीने का Price-to-Earnings (P/E) अनुपात 20 के करीब है, जो महंगा माना जाता है।
  • जब बाजार अधिक मूल्यांकन पर होता है, तो निवेशकों में मुनाफावसूली की प्रवृत्ति बढ़ जाती है, जिससे बिकवाली होती है।
  • नए निवेशक उच्च कीमतों पर शेयर खरीदने से हिचक रहे हैं।

2. सोने-चांदी की कीमतों में वृद्धि के कारण

(i) सुरक्षित निवेश की मांग
  • जब शेयर बाजार में गिरावट होती है, तो निवेशक जोखिम वाले एसेट्स (Equities) से पैसा निकालकर सुरक्षित निवेश (Safe Haven) जैसे सोना और चांदी में लगाते हैं।
  • अमेरिका, यूरोप और चीन में आर्थिक अनिश्चितता के कारण सोने की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं
(ii) केंद्रीय बैंकों की खरीदारी
  • 2024 में कई केंद्रीय बैंकों (जैसे रूस, चीन, तुर्की) ने सोने की खरीदारी बढ़ाई।
  • डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए सोने का भंडार बढ़ाया जा रहा है।
(iii) चांदी की औद्योगिक मांग में वृद्धि
  • इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल उपकरण, सौर ऊर्जा पैनल आदि में चांदी की भारी मांग है।
  • ग्रीन एनर्जी ट्रेंड के कारण चांदी की खपत लगातार बढ़ रही है।
  • 2024 में चांदी की औद्योगिक मांग 10% तक बढ़ी है, जिससे कीमतों में उछाल आया।

क्या आगे भी यह ट्रेंड जारी रहेगा?

शेयर बाजार के लिए भविष्य की संभावनाएँ

        बाजार में रिकवरी कब संभव?

  • यदि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो भारतीय बाजार में विदेशी निवेश वापस आ सकता है।
  • भारत में बजट 2025 के बाद नई आर्थिक नीतियों पर निर्भर करेगा कि बाजार कैसे प्रतिक्रिया देता है।

        निवेशकों के लिए सलाह:

  • लंबी अवधि के निवेशक गिरावट का फायदा उठा सकते हैं।
  • स्मॉल-कैप और मिड-कैप सेक्टर में निवेश सावधानी से करें।
  • IT और बैंकिंग सेक्टर में फिलहाल अस्थिरता बनी रह सकती है।

सोने-चांदी के लिए भविष्य की संभावनाएँ

    क्या सोने की कीमत और बढ़ेगी?

  • यदि अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है या ब्याज दरें घटती हैं, तो सोने की कीमतों में और उछाल संभव है।
  • 2025 तक सोने की कीमतें ₹70,000 प्रति 10 ग्राम से ऊपर जा सकती हैं।

      निवेशकों के लिए सलाह:

  • सोना और चांदी में निवेश लंबी अवधि के लिए लाभदायक हो सकता है।
  • सोने के बजाय सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) या गोल्ड ETF में निवेश करना बेहतर विकल्प हो सकता है।

 निष्कर्ष: क्या करें निवेशक?

एसेट मौजूदा ट्रेंड भविष्य की संभावनाएँ निवेश रणनीति
शेयर बाजार गिरावट अनिश्चित, बजट और वैश्विक स्थितियों पर निर्भर लंबी अवधि में निवेश करें, मुनाफावसूली से बचें
सोना तेजी और बढ़ सकता है SIP या SGB के जरिए निवेश करें
चांदी मजबूत मांग इंडस्ट्रियल डिमांड के कारण मजबूती फिजिकल चांदी या सिल्वर ETF में निवेश करें

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