यूपी सरकार का करारा रुख सोशल मीडिया अकाउंट होल्डर्स के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज
यूपी सरकार का करारा रुख: महाकुंभ को लेकर अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ 2025 को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने 75 सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल की पहचान कर 11 एफआईआर दर्ज कराई हैं। प्रशासन ने साफ किया है कि गलत और भ्रामक जानकारी फैलाने वालों पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा
साइबर मॉनिटरिंग और अफवाहों पर नकेल
महाकुंभ मेले के डीआईजी वैभव कृष्ण के अनुसार, महाकुंभ को लेकर देश-विदेश से गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सोशल मीडिया पर झूठी खबरें, गलत वीडियो और भ्रामक पोस्ट डालने वालों पर साइबर सेल की पैनी नजर है। इसके लिए एक अलग साइबर शेल तैयार किया गया है, जो 24/7 सोशल मीडिया पर निगरानी रखेगा।
महाकुंभ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
यूपी सरकार ने महाकुंभ 2025 की सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस प्रशासन और खुफिया एजेंसियां हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रख रही हैं। इसके तहत—
✔ ड्रोन कैमरों से निगरानी
✔ सीसीटीवी कैमरों की तैनाती
✔ विशेष पुलिस बल और एंटी-टेरर स्क्वॉड की तैनाती
✔ साइबर सेल द्वारा सोशल मीडिया पर नजर
✔ फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई
सरकार का सख्त संदेश
यूपी सरकार ने दो टूक कहा है कि महाकुंभ के शांतिपूर्ण आयोजन में किसी भी तरह की अफवाह, भ्रम या उपद्रव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। झूठी जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ आईटी एक्ट और अन्य धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी
निष्कर्ष: यूपी सरकार ने साफ कर दिया है कि महाकुंभ 2025 की सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने के लिए कोई भी अफवाहबाज, सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाने वाला या माहौल खराब करने वाला बख्शा नहीं जाएगा
क्यों सही है यह फैसला ?
अफवाहों से भ्रम और अशांति फैल सकती है – महाकुंभ एक विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जहां लाखों श्रद्धालु आते हैं। अगर सोशल मीडिया पर झूठी खबरें, गलत वीडियो या अफवाहें फैलाई जाएं, तो इससे भय असुरक्षा और अव्यवस्था पैदा हो सकती है
सुरक्षा के लिहाज से अहम कदम महाकुंभ में भीड़ नियंत्रण और आतंकी या समाजविरोधी गतिविधियों की संभावना बनी रहती है साइबर सेल की निगरानी और सख्त कार्रवाई से माहौल को सुरक्षित बनाए रखना संभव होगा
सोशल मीडिया की जिम्मेदारी सोशल मीडिया पर कई बार गलत जानकारी बिना जांचे परखे वायरल हो जाती है। सरकार की यह कार्रवाई अफवाहबाजों को चेतावनी देने का काम करेगी कि गैर जिम्मेदाराना पोस्ट करना गंभीर अपराध हो सकता है
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